बीजिंग (ईएमएस)। चीन 2020 में अपने बाईदोऊ-3 मैपिंग सिस्टम के अंतिम दो उपग्रहों को लॉन्च करेगा, जो अमेरिकी जीपीएस सिस्टम का एक विकल्प है। चीनी अधिकारियों की ओर से इसकी घोषणा की गई है। सिस्टम को विकसित करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी के प्रवक्ता रान चेंगकी ने बताया कि दोनों उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित किया जाएगा।
चीन ने साल 2019 में दस बेईदोऊ उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च किया है। उन्होंने कहा कि 2035 तक एक नया नेविगेशन सिस्टम अधिक सर्वव्यापी, एकीकृत और बुद्धिमान बेईदोऊ स्थापित किया जाएगा। बेईदोउ-3 नेविगेशन प्रणाली दिसंबर 2012 से चीन और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कुछ हिस्सों में चल रही है। इसने दिसंबर 2018 में दुनियाभर में काम करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, सिस्टम की सटीकता मार्जिन पांच मीटर से कम है।
चीन ने जीपीएस सिस्टम पर अपनी निर्भरता खत्म करने के लिए 2000 में अपना खुद का सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम बनाना शुरू किया और इसका नामकरण बेईदोऊ के रुप में किया गया, यह नाम प्राचीन चीनी खगोलविदों ने सप्तर्षि मंडल के सात सबसे चमकीले सितारों को दिया है।
बेईदोऊ नेविगेशन नेटवर्क की चार अंतरिक्ष परियोजनाओं में से एक है, इसके साथ अमेरिका का जीपीएस, यूरोपीय संघ से गैलीलियो और रूस से ग्लोनास शामिल है। इससे पहले शुक्रवार को चीन ने अपने सबसे उन्नत और सबसे भारी नेविगेशन सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ा। चीन के सबसे बड़े रॉकेट लांग मार्च-5 के द्वारा इस उपग्रह को अंतरिक्ष के लिए रवाना किया गया। इस रॉकेट के जिए दूर अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने में सहायता मिलेगी।
लांग मार्च-5 चीन का सबसे ताकतवर रॉकेट है। यह 25 हजार किलो का वजन लेकर पृथ्वी की नजदीकी कक्षा तक पहुंच सकता है, जबकि 14 हजार किलो वजन लेकर दूरस्थ कक्षा में जा सकता है। इस बड़े सैटेलाइट लॉन्च के बाद चीन मंगल पर जाने की योजना बना रहा है। मंगल ग्रह के लिए चीन 2020 में उपग्रह छोड़ेगा।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 28 दिसंबर 2019
अमेरिकी जीपीएस के विकल्प बेईदोऊ-3 के अंतिम दो उपग्रहों को 2020 में लॉन्च करेगा चीन