नई दिल्ली (ईएमएस)। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों को जल्द 100 दिनों की छुट्टियां दी जाएंगी। इस संबंध में एक प्रस्ताव पर गृह मंत्रालय विचार कर रहा है। गृहमंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में एसएसबी की 56 वीं वर्षगांठ परेड के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक-डेढ़ साल में हम ऐसी स्थिति ला देंगे कि एसएसबी का हर एक जवान जो सीमा की सुरक्षा करता है, वो साल में कम से कम 100 दिन अपने परिवार के साथ बिता सके, ऐसी व्यवस्था गृह मंत्रालय करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसएसबी के लिए गृह मंत्रालय ने ढेर सारी सुविधाएं बढ़ाने का काम किया है। कर्मियों की सेवानिवृत्ति आयु को 57 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दिया गया है। अमित शाह ने कहा कि जो लोग भारत में शांति देखना नहीं चाहते वह भारत में प्रवेश करने के लिए देश की नेपाल और भूटान से लगने वाली सीमा का इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं। 130 करोड़ लोग चैन से इसलिए सो पाते हैं क्योंकि सीमा की सुरक्षा करने वाले जवान शत्रुतापूर्ण माहौल में भारत की रक्षा करते हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एसएसबी ने अपने पहले अवतार में जो काम किया है, जब भी भारत की एकता और अखंडता का इतिहास लिखा जायेगा, वह उसमें स्वर्णाक्षरों में अंकित होगा। भारत-चीन युद्ध के बाद जब इसकी स्थापना हुई तो इसका काम था कि सीमावर्ती गांव व भारत के साथ जुड़ाव का सांस्कृतिक भाव जागृत करना और भारत के साथ इन गांवों को जोड़कर पूरे देश में सांस्कृतिक तारतम्य जोड़ना। एसएसबी ने अपना काम पूरी निष्ठा से किया है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां इसके जवान लगे, चाहे मित्र राष्ट्र की सीमाएं हों, कश्मीर हो, नक्सलवादी क्षेत्र हो, हर जगह उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ अपनी सेवाएं दी हैं। एसएसबी ने राष्ट्र की सुरक्षा और सेवा के लिए बलिदान देने से अभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने कहा कि एसएसबी देश का पहला ऐसा सीमा रक्षक बल है जिसमें 2007 में सर्वप्रथम महिलाओं की तैनाती की गयी। तब से आज तक बल की महिला कर्मी पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियों को निभा रही हैं। एसएसबी के जवान एक सजग प्रहरी के नाते देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, इसी कारण आज देश प्रगति के मार्ग पर चल पड़ा है। आज देश विश्व की 7वीं अर्थव्यवस्था है, तो इसका कारण आपका त्याग और बलिदान है। अमित शाह ने कहा कि एसएसबी की 22 महिला कर्मियों का एक दल वर्तमान में भारतीय सेना के 16वें सिख रेजिमेंट के साथ कांगों में संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षक दल में भी तैनात है, यह पूरे बल और हमारे देश की बेटियों के लिए गर्व का विषय है।
एएसबी जवानों को 100 दिनों की छुट्टी जल्द, गृह मंत्रालय कर रहा विचार