(लंदन) मारक कोरोना से जवान हो या बुजुर्ग सभी असुरक्षित: विशेषज्ञ


लंदन (ईएमएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कोरोना वायरस के महामारी घोषित किए जाने के बाद इस मारक वायरस से पूरी दुनिया जूझ रही है। अब तक 170 देशों के दो लाख लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं जबक‍ि करीब 8 हजार लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। इस बीच चीन में इस महामारी का अध्‍ययन करने वाले एक विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि कोरोना के किलर वायरस से जवान हो या बुजुर्ग कोई भी सुरक्षित नहीं है। इससे पहले आई रिपोर्टों में कहा गया था कि बुजुर्गों को ज्‍यादा खतरा है। चीन में इस बीमारी के संक्रमण का अध्‍ययन करने वाले विशेषज्ञ ब्रूस अयलवार्ड ने कहा कि स्‍वस्‍थ इंसान भी इस बीमारी की चपेट में आकर मर रहे हैं। इससे पहले अब तक मारे गए 8 हजार लोगों के आंकड़ों के आधार पर कहा गया था कि बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को कोरोना से ज्‍यादा खतरा है। अयलवार्ड ने कहा कि बहुत तेजी से कोरोना से पीड़‍ित युवा लोग भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं।
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन में कार्यरत डॉक्‍टर अयलवार्ड ने कहा कि 30 साल तक के लोगों की भी इस जानलेवा बीमारी से मौत हो रही है। इस बीच बेल्जियम के एक डॉक्‍टर ने युवा और स्‍वस्‍थ लोगों के फेफड़े के स्‍कैन के आधार पर खुलासा किया है कि युवाओं के मौत के आंकड़े बहुत डरा देने वाले हैं। इससे पहले चीनी शोधकर्ताओं ने 72 हजार मामलों के आधार पर बताया था कि 19 प्रतिशत ऐसे लोगों की कोरोना से मौत हुई है जिनकी उम्र 60 साल से कम है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब शरीर किसी बीमारी की चपेट में आता है तो उसके अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो जाती है। लेकिन कोविड-19 जैसे नए वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता ही नहीं है। इसका मतलब यह है कि कोई भी बीमार पड़ सकता है। चाहे हरेक ठंड में बिना फ्लू या सर्दी से बीमार हुए रह लेता हो। अयलवार्ड ने कहा, 'मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि बड़ी संख्‍या में ऐसे लोग मर रहे हैं जो 30, 40, 50 के दशक में थे।' बेल्जियम के डॉक्‍टर इग्‍नेस डेमेयर ने भी चेतावनी दी है कि कोई भी कोरोना की चपेट में आने से बच नहीं सकता है। उन्‍होंने कहा कि उनके मरीज बुजुर्ग कम हैं और ऐसे युवा लोग ज्‍यादा हैं जिनकी उम्र 30 से 50 साल के बीच है। ये लोग बुरी तरह से इस बीमारी से प्रभावित हैं। डेमेयर ने कहा, 'इन सभी युवा मरीजों को एक ही दिक्‍कत थी। वे एक हफ्ते पहले बीमार पड़े, फ्लू के साथ घर पर रहे। फ्लू का असर कम होने के बाद उन्‍होंने सूखी खांसी और सांस लेने में परेशानी की शिकायत की।' 
विपिन/ईएमएस 20 मार्च 2020