नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र सरकार ने तेल की वैश्विक कीमतों में असमान्य रूप से आई गिरावट का फायदा उठाकर राजस्व बढ़ाने के लिए पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है। अर्थव्यवस्था की सुस्ती का राजस्व पर बुरा असर पड़ा है। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर तीन रुपए प्रति लीटर के हिसाब से उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है, जिससे विभिन्न राज्यों में कर संरचना के आधार पर दोनों पेट्रोलियम उत्पादों के खुदरा मूल्य में तीन-चार रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की संभावना जताई गई थी।
इस बीच, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पेट्रोल और डीजल के बढ़े दामों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया दुनिया भर में कच्चे तेल के दाम घट चुके हैं। मगर हिंदुस्तान में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं। कच्चे तेल के दाम में गिरावट का फायदा आम लोगों को क्यों नहीं मिल रहा है? दिल्ली-मुंबई में 36 रुपए में पेट्रोल बेचने का दावा करने वाले भाजपा नेताओं ने किस कम्पनी का टेप मुंह पर लगाया है?
उल्लेखनीय है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है, जो शनिवार से ही लागू है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल और डीजल पर विशेष शुल्क दो रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, दोनों उत्पादों पर सड़क उपकर भी एक रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया गया है, जिससे केंद्रीय शुल्क तीन रुपए प्रति लीटर बढ़ गया है।
उल्लेखनीय है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल कीमतों में कमी के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि की संभावना बहरहाल कम है। सरकार तेल विपणन कंपनियों कच्चे तेल की नरमी से होने वाले लाभ को उत्पाद शुल्क में की गई वृद्धि में समायोजित करने को कह सकती है।
अनिरुद्ध, ईएमएस, 15 मार्च 2020